चाह थी कि कल्प वृक्ष मिल जायेज़्यादा नही पर कुछ देर के लिए ही मिल जायेचाहते चाहते एक दिन मिल ही गयादिल में ही बीज था उसका जो इच्छा होते ही खिल गया जब भी कुछ सोचतीजब भी कुछ चाहती तो कहताकोशिश करो तन सेचाहो पूरे मन से डाल देती जान पूरी फिर उसमें और… Continue reading कल्प वृक्ष मन में