Emotions, Muktak (मुक्तक)

फुरसत में भी मसरूफ़

जल्दबाज़ी की यूँ आदत हो चली है अब कि,फुर्सत मिले तब भी फुर्सत से बैठा नहीं जाता। वक़्त कीमती है यह इस तरह समझ आ गया है कि,मसरूफ़ हुए बिना खाली समय भी नही गुज़ारा जाता।