पत्ता पत्ता खिल उठा है इस दुनिया के रुकने से, क़द आसमान का दिखने लगा है इंसानी के झुकने से…
बंद हो चले है सभी शहरों के रास्ते
अब यादो का सफर ज़्यादा हो गया…
विश्वास की कोई गुणवत्ता नही होती
विश्वास अपने आप में ही गुणवत्ता है…
Writing is one way conversation.. lots of things when We don’t know where to speak.. This is platform where words get their readers , thoughts get their listeners. It’s about all the emotions and topics We talk about
पत्ता पत्ता खिल उठा है इस दुनिया के रुकने से, क़द आसमान का दिखने लगा है इंसानी के झुकने से…
बंद हो चले है सभी शहरों के रास्ते
अब यादो का सफर ज़्यादा हो गया…
विश्वास की कोई गुणवत्ता नही होती
विश्वास अपने आप में ही गुणवत्ता है…