Muktak

पत्ता पत्ता खिल उठा है इस दुनिया के रुकने से, क़द आसमान का दिखने लगा है इंसानी के झुकने से…


बंद हो चले है सभी शहरों के रास्ते
अब यादो का सफर ज़्यादा हो गया…


विश्वास की कोई गुणवत्ता नही होती
विश्वास अपने आप में ही गुणवत्ता है…