नही कहती मैं किसी से कि याद क्यों नही किया । अच्छा है जो तुम्हारे मन ने कहा तुमने वही किया ।। ज़बरन कशिश हो नही सकती रिश्तो में, न निभ सकता दिखावा, जिसने ख़ैरियत पूछी वो भी सही, जिसने नही पूछी , उसने भी सही किया।।
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कैसे संभाल पाओगे
मशरूफ जो हुए हम, अपनी तन्हाइयो में, यक़ीन मानो, तुम्हारी ज़रूरत ना रहेगी, तुम्हारी नज़रअंदाज़ी, और मेरी तन्हाई ही बातें करेगी, ज़ुबान फिर कुछ न कहेगी।। लग गयी जो लत उस तन्हाई के नशे की हमें चाहकर भी तुम छुडा ना पाओगे, फिर तुम्हारी तनहाई और मेरी नज़र अंदाज़ी को गुफ़्तगू करते पाओगे।
जो ऐसा होता…
भुलाने के बजाय, जो माफ़ कर देते तो कितना अच्छा होता। नज़र तो उस ऐनक से साफ हुईं, जो नज़रिया भी साफ कर देते तो कितना अच्छा होता।। गलत तो सिर्फ कुछ मुग़ालते थे,और उस पर वो ख़ामोशी.. गर चंद बाते कर, इंसाफ कर देते तो कितना अच्छा होता।।
चाँद उम्मीद का…
वक़्त के साथ रात और गहरी हो चली है, देखते है यह कब तक स्याह रह पायेगी, जब एक नारंगी रोशनी उसे छूकर सुबह में बदल जाएगी। हालांकि अमावस हो या पूर्णिमा, रात रात ही कहलाती है, अंधेरी हो या उजली, सुबह के ख्वाब दिखाती है। पर अंतर तो बस चाँद जितना है,चाहे वो आसमान… Continue reading चाँद उम्मीद का…
एक कैद ऐसी भी ….
खुशबू उस पुराने गुलाब की,अब तक ज़हन से गयी नही।बावज़ूद इस इल्म के, कि महक ये इतनी भी नयी नही।उस डायरी के पन्नो में जम गई है यादे इस तरह अब स्याही ने भी कहना शुरू कर दिया किसी को यूँ कैद करना सही नही।।खुशबू उस पुराने गुलाब की,अब तक ज़हन से गयी नहीं।।
दौर नर्म बारिश का
बारिशो का दौर है ,कैसे गुज़र जाने दे। कुछ नया आने को है, क्यों न उसे आने दे।। रंगहीन पानी ने रंग भर दिया चारो ओर , अपने तन मन को क्यों ना इसमें डुबाने दे बारिशो का दौर है , कैसे गुज़र जाने दे।। पंख लग जाते है, इस नन्हे से मन को, बादलो… Continue reading दौर नर्म बारिश का
ममता
एक छोटे से फूल की खुशबू नेमुझे महकना सिखा दिया।उसकी उन्मुक्त हँसी ने, कोयल सा चहकना सिखा दिया।क्या ही चमत्कार है ऊपर वाले का,ममता देकर मुझे बच्चा बना दिया।।
The Journey Begins
Thanks for joining me! Good company in a journey makes the way seem shorter. — Izaak Walton