यह जो कुछ रोक लेता है कभी भी,बिना किसी वजह के टोक देता है कभी भी,क्या है जो बिना दिखे ही डरा जाता है..फिर उस डर से मन निकल नहीं पाता है ..फिर भी अपने सपने संजोने तो पड़ेंगे | यह जो ताले है, खोलने तो पड़ेंगे || जो रुकना पड़ा था कभी ,कि चलने… Continue reading ये जो ताले हैं…
Category: Inspirational
इतना भी ज़रूरी नहीं ये सब। .
जब मन हो तब ज़रा मुस्कुरा लो | और कभी लगे भारी सा...तो आँसू बहा लो । कोई कुछ सोचेगा यह ना सोचो अब, इतना भी ज़रूरी नहीं यह सब ॥ मन हो तब थोड़ा गुनगुना लो, मन हो तब खुद को संवार लो । जो काम करते हुए दिख जाए बगिया, तो कुछ पल… Continue reading इतना भी ज़रूरी नहीं ये सब। .
जीवनी से भरा हो जीवन
एक गुलाबी कोंपल के, पीले होते पत्ते का सफ़र है जीवन ममता की गोदी से उतर अपनी राह पर चलने की डगर है जीवन ॥ लगता है कभी कि इसमें कोई कमी है, इस कमी को पूरा करने में यह दुनिया रमी है | कमी के बिना क्या पाने को रह जायेगा, जो सब कुछ… Continue reading जीवनी से भरा हो जीवन
अपने अपने कर्मक्षेत्र
सबकी अपनी अपनी लड़ाई है, किसी ने छिपाई है, किसी ने दिखाई है। कोई जीता है, कोई हारा है, कोई किस्मत का मारा है, किस्मत भी तो हमने ही बनायीं है । हर एक की अपनी अपनी लड़ाई है ॥ कोई घर में दुनिया बसा बैठा ,कोई चाँद पर चढ़ आया है, कम कोई भी… Continue reading अपने अपने कर्मक्षेत्र
कल्प वृक्ष मन में
चाह थी कि कल्प वृक्ष मिल जायेज़्यादा नही पर कुछ देर के लिए ही मिल जायेचाहते चाहते एक दिन मिल ही गयादिल में ही बीज था उसका जो इच्छा होते ही खिल गया जब भी कुछ सोचतीजब भी कुछ चाहती तो कहताकोशिश करो तन सेचाहो पूरे मन से डाल देती जान पूरी फिर उसमें और… Continue reading कल्प वृक्ष मन में
हल्दी वाला दूध
मैं रोज़ रात को हल्दी दूध पीकर सोती हूँ. सर्दियों और बरसात में यह बहुत फायदा तो करता ही है साथ में शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ाता है. हल्दी में औषधीय गुण है इसलिए समय समय पर यह रोग उपचार के काम भी आती है आपको लगेगा की यह बात में क्यों सबको… Continue reading हल्दी वाला दूध
धरती सी नारी
जन्म देने वाली का भी, जन्म कभी हुआ होगासृजन करने वाली का भी, सृजन कभी हुआ होगाजो इतनी महत्ता रखती है उसे अपने लिए लड़ना होगा,ऐसा उसने कभी सोचा न होगा।। पोषित करने वाली को भी पोषण चाहिए,अन्नपूर्णा को भी अन्न चाहिए,जो समझें सबके मन को,समझे कोई उसे भी,ऐसा मन चाहिए।।हक़ है जिसपर,उसे पाने के… Continue reading धरती सी नारी
शब्दों का सफ़र
कभी सोचना ज़रूर… क्या शब्द भी सफर करते हैं?नहीं? तो क्यूँ चलते हैं हमारे साथ-साथ हमारी उम्र की तरह, क्यूँ छूट नहीं जाते उम्र के पड़ावों की तरह... जिन्हें ज्यादा याद न करो, समय समय पर तरज़ीह न दो,वो बचपन की तरह धुंधला जाते हैं,याद करने पर याद आ भी जाते हैं,भूल जाने पर अपना… Continue reading शब्दों का सफ़र
होंसले की कश्ती
हौंसलो का साथ न छोड़ना अंत तक.. कई बार कश्ती भी किनारा कर लिया करती है, किनारा मिलने से पहले।।समझ जाते है दिल से जुड़े लोग अनकहे इशारों को..कोई इशारा मिलने से पहले।।
हम भी है देश के
बहुत हुआ सोच विचार चलो अब कुछ कर जाए।इस देश के लिए या तो जी ले या मर जाए।।यूँ भी जाना ही है एक दिन यह धरती छोडकरक्यों ना अपनी धरा के हिस्से में भी थोड़ा गौरव भर जाए।इस देश के लिए या तो जी ले या मर जाए।।सौंधी मिटी की महक सस्ती नही है… Continue reading हम भी है देश के
पापा आपके जन्मदिन पर
जीवन की धरा के वो हिमालय थे, कि बर्फ से जमे सदा, कठिनाइयों की गर्मी पास आने नही दी।तन कर खड़े थे यूँ कि अपनो के सम्मान पर आंच आने नहीं दी। ऊँचाई पर इतने फिर भी धरती की महक गुम हो जाने नहीं दी। दिल से बांधकर स्वछंदता दी हमें, कि पथभ्रष्ट की स्थिति… Continue reading पापा आपके जन्मदिन पर
चाँद उम्मीद का…
वक़्त के साथ रात और गहरी हो चली है, देखते है यह कब तक स्याह रह पायेगी, जब एक नारंगी रोशनी उसे छूकर सुबह में बदल जाएगी। हालांकि अमावस हो या पूर्णिमा, रात रात ही कहलाती है, अंधेरी हो या उजली, सुबह के ख्वाब दिखाती है। पर अंतर तो बस चाँद जितना है,चाहे वो आसमान… Continue reading चाँद उम्मीद का…
दौर नर्म बारिश का
बारिशो का दौर है ,कैसे गुज़र जाने दे। कुछ नया आने को है, क्यों न उसे आने दे।। रंगहीन पानी ने रंग भर दिया चारो ओर , अपने तन मन को क्यों ना इसमें डुबाने दे बारिशो का दौर है , कैसे गुज़र जाने दे।। पंख लग जाते है, इस नन्हे से मन को, बादलो… Continue reading दौर नर्म बारिश का
निर्भय हो जा
दी हुई ज़िन्दगी उसकी, जैसा वो कहे वैसा कर जा जो वो कहे हिम पर्वत, तो बर्फ सा जम जा जो वो कहे शांत सरिता, तो निर्मल जल जैसे थम जा जो वो कहे पतझड़, तो सूखे पत्ते सा सहम जा फिर से उठ, न जमने के लिए न थमने के लिए ना अंत सामने… Continue reading निर्भय हो जा
गुरु वही जो साथ निभाये
ऐसा नहीं है कि कोई राह नही मेरे लिए मेरा गुरु वो जो साथ चलकर राह दिखाये । ऐसा नही है कि कोई सबक नही है मेरे लिए मेरा गुरु वो जो स्वयं का सबक मुझे सिखाये ।। अथाह ज्ञान है इस जग में, पर सारा मेरे लिए नही गुरु वही जो मेरे लिए जरूरी… Continue reading गुरु वही जो साथ निभाये