जल्दबाज़ी की यूँ आदत हो चली है अब कि,फुर्सत मिले तब भी फुर्सत से बैठा नहीं जाता। वक़्त कीमती है यह इस तरह समझ आ गया है कि,मसरूफ़ हुए बिना खाली समय भी नही गुज़ारा जाता।
Category: Muktak (मुक्तक)
अप्रत्याशित ये जिंदगी
जो संवारने से संवर जाए वो है जिंदगी, जो गुजारने से गुजर जाए वह है जिंदगी। बिखर जाने की ज़िद में आकर कभी सिमट जाए, तो कभी सिमटने की कोशिश में बिखर जाए वो है ज़िन्दगी। कभी एक ही पल में उत्तर से दक्षिण हो,अपना रास्ता बदल लें, कभी सालो तक एक ही धुन में… Continue reading अप्रत्याशित ये जिंदगी
एक खयाल
अपने सही होने का नाज़ था तुम्हें... तुम्हारे जैसे जो होने लगे लोग तो नाज़, नाराज़गी में क्यों बदलने लगा। जो शिकायतें थी कल तक हमारी उसका रंग तुम्हारी उम्मीदों में क्यों ढलने लगा।।
होंसले की कश्ती
हौंसलो का साथ न छोड़ना अंत तक.. कई बार कश्ती भी किनारा कर लिया करती है, किनारा मिलने से पहले।।समझ जाते है दिल से जुड़े लोग अनकहे इशारों को..कोई इशारा मिलने से पहले।।
कैसे संभाल पाओगे
मशरूफ जो हुए हम, अपनी तन्हाइयो में, यक़ीन मानो, तुम्हारी ज़रूरत ना रहेगी, तुम्हारी नज़रअंदाज़ी, और मेरी तन्हाई ही बातें करेगी, ज़ुबान फिर कुछ न कहेगी।। लग गयी जो लत उस तन्हाई के नशे की हमें चाहकर भी तुम छुडा ना पाओगे, फिर तुम्हारी तनहाई और मेरी नज़र अंदाज़ी को गुफ़्तगू करते पाओगे।
जो ऐसा होता…
भुलाने के बजाय, जो माफ़ कर देते तो कितना अच्छा होता। नज़र तो उस ऐनक से साफ हुईं, जो नज़रिया भी साफ कर देते तो कितना अच्छा होता।। गलत तो सिर्फ कुछ मुग़ालते थे,और उस पर वो ख़ामोशी.. गर चंद बाते कर, इंसाफ कर देते तो कितना अच्छा होता।।
उम्र ज़िन्दगी की…
मजबूरी नही, चाह होनी चाहिए ज़िन्दगी, मंज़िल नही, राह होनी चाहिए ज़िन्दगी। कुछ को लगती छोटी कुछ को लंबी चाहिए उम्र, पर हर तरह के पलो का जायका लिए, अथाह होनी चाहिये ज़िन्दगी।।
भूले बिसरे कर्म
कौन कहता है इतेफाक़ नहीं होते,अपने ही कर्म किसी चौराहें पर दुबारा मिल जाया करते है...
एक कैद ऐसी भी ….
खुशबू उस पुराने गुलाब की,अब तक ज़हन से गयी नही।बावज़ूद इस इल्म के, कि महक ये इतनी भी नयी नही।उस डायरी के पन्नो में जम गई है यादे इस तरह अब स्याही ने भी कहना शुरू कर दिया किसी को यूँ कैद करना सही नही।।खुशबू उस पुराने गुलाब की,अब तक ज़हन से गयी नहीं।।
दोस्तो
हमेशा निगाहों की गुंजाइश में ही रहना दोस्तो,उम्र के साथ पलको की दायरे सिमट जाया करते है।।