अन्तकरण, Inspirational, Poems

अपने अपने कर्मक्षेत्र

सबकी अपनी अपनी लड़ाई है, किसी ने छिपाई है, किसी ने दिखाई है। कोई जीता है, कोई हारा है, कोई किस्मत का मारा है, किस्मत भी तो हमने ही बनायीं है । हर एक की अपनी अपनी लड़ाई है ॥ कोई घर में दुनिया बसा बैठा ,कोई चाँद पर चढ़ आया है, कम कोई भी… Continue reading अपने अपने कर्मक्षेत्र

अन्तकरण, Inspirational, Poems

कल्प वृक्ष मन में

चाह थी कि कल्प वृक्ष मिल जायेज़्यादा नही पर कुछ देर के लिए ही मिल जायेचाहते चाहते एक दिन मिल ही गयादिल में ही बीज था उसका जो इच्छा होते ही खिल गया जब भी कुछ सोचतीजब भी कुछ चाहती तो कहताकोशिश करो तन सेचाहो पूरे मन से डाल देती जान पूरी फिर उसमें और… Continue reading कल्प वृक्ष मन में

अन्तकरण, Poems

कर्म का सुझाव

सब कुछ है तेरा कमाया हुआ,बुरा भी अच्छा भी ,हर बंदा तेरे आस पास, तेरा ही माँगा हुआ हैझूठा भी सच्चा भी ,स्वीकार ले कि यह सब तेरा ही चुनाव है, तेरा ही चुनाव है। कुछ है जो तुझे याद नहीं, कुछ है जो तुझे याद है,कुछ है जो तेरे बस में है, कुछ है… Continue reading कर्म का सुझाव