बारिशो का दौर है ,कैसे गुज़र जाने दे। कुछ नया आने को है, क्यों न उसे आने दे।। रंगहीन पानी ने रंग भर दिया चारो ओर , अपने तन मन को क्यों ना इसमें डुबाने दे बारिशो का दौर है , कैसे गुज़र जाने दे।। पंख लग जाते है, इस नन्हे से मन को, बादलो… Continue reading दौर नर्म बारिश का
Author: Pallavi Sharma Datta
दोस्तो
हमेशा निगाहों की गुंजाइश में ही रहना दोस्तो,उम्र के साथ पलको की दायरे सिमट जाया करते है।।
आज़ाद चाहत
सुकून की आरामगाह मिल जाती,दिल में भी पनाह मिल जाती,कोई फर्क न पड़े उसके प्यार को मेरी किसी बात से,ऐसी बिना वजह की चाह मिल जाती
निर्भय हो जा
दी हुई ज़िन्दगी उसकी, जैसा वो कहे वैसा कर जा जो वो कहे हिम पर्वत, तो बर्फ सा जम जा जो वो कहे शांत सरिता, तो निर्मल जल जैसे थम जा जो वो कहे पतझड़, तो सूखे पत्ते सा सहम जा फिर से उठ, न जमने के लिए न थमने के लिए ना अंत सामने… Continue reading निर्भय हो जा
कौन झुके
भरोसे की चाह पर चलते जाना उतार चढ़ाव पर कभी चढ़ते तो कभी उतरते जाना जो ज़्यादा तेज़ चले बस वही थोड़ा रुक जाए,जिसकी गलती हो वो झुक जाये कोई भी नहीं होता पारस सुधरने का भी होता है अपना रस एक ही के झुकने से बढ़ जाएगी दूरियां बिना शब्दों का जीवन हो नीरस… Continue reading कौन झुके
रामजी कई गया था
एक हास्य कविता मालवी भाषा में... छोरो बी.ए. कई भण्यो आसमान पे दिमाग जई रियो है माथा पे धुप पड़ी री खून पसीनो एक करी ने बाप खेत में हल चलई रियो है ,बाई बापड़ी बोवणी करी री ने देखो - बेटो इंग्लिश गाने गाई रियो है के - "माय हार्ट इस बीटिंग ने क्यूँ… Continue reading रामजी कई गया था
क़रीबी फ़ासला
जवाब-ए-दस्तक़ हमेशा दस्तक़ नहीं होती,दरवाज़ा भी कैसे खोले, कोई आहट जब तक नहीं होती,यूँ तो खुला ही था दरवाज़ा भी, दोनों ओर दोनों खड़े थेइस इंतज़ार में कि उधर से पहल कब तक नहीं होती। उसने भी कुछ नहीं कहा इस सोच में,शायद कुछ ना होगा उसके दिल मेंवरना इतनी देर अब तक नहीं होती।इसने… Continue reading क़रीबी फ़ासला
प्रकृति की नियति
वो फूल ही है,जो महकता है.., वो फूल ही है, जो बिखरता है.. वो फूल ही है, जो झड़ के खत्म हो जाता है,.. और वो भी फूल ही है जो झड़ने के बाद भी इत्र बनकर औरो को महकाता है.. ये सादगी है उसकी की हर उम्र को स्वीकारता है.. यह वास्तविकता है उसके… Continue reading प्रकृति की नियति
राहत
सीधी सड़क पर तो मैं अकेली दौड़ लूँ,पथरीली सड़क परकोई साथ दे तो क्या बात हो।ज़रूरत होने पर दवा तो बहुत मिल जाती है,कोई राहत दे तो क्या बात हो।।
ममता
एक छोटे से फूल की खुशबू नेमुझे महकना सिखा दिया।उसकी उन्मुक्त हँसी ने, कोयल सा चहकना सिखा दिया।क्या ही चमत्कार है ऊपर वाले का,ममता देकर मुझे बच्चा बना दिया।।
एक सड़क इस मन तक जाती है…….
किसी की आहट से जो थोड़ी चमक जाती है, दूर से पथरीली पर सरल सी नज़र आती है, एक सड़क इस मन तक जाती है ।। मुश्किल नही है इसे पार करना, सीधी सी सड़क है तुम भी सरल रहना । थोड़ी धूप है, थोड़ी छांव भी है, थोड़ा थोड़ा सब सहना। हल्के उतार चढ़ाव… Continue reading एक सड़क इस मन तक जाती है…….
गुरु वही जो साथ निभाये
ऐसा नहीं है कि कोई राह नही मेरे लिए मेरा गुरु वो जो साथ चलकर राह दिखाये । ऐसा नही है कि कोई सबक नही है मेरे लिए मेरा गुरु वो जो स्वयं का सबक मुझे सिखाये ।। अथाह ज्ञान है इस जग में, पर सारा मेरे लिए नही गुरु वही जो मेरे लिए जरूरी… Continue reading गुरु वही जो साथ निभाये
Writing: the path of knowing our self..
I welcome you all in this corner where we will be knowing each other by our thoughts and words. May be sometimes we are not able to synchronize our thinking speed with our rate of speech but writing is the method , which is compatible with our expression of feelings and thought process. We may… Continue reading Writing: the path of knowing our self..
The Journey Begins
Thanks for joining me! Good company in a journey makes the way seem shorter. — Izaak Walton