वो जो घुटने से चलता था ,मुझे हँसता देख खुद भी हँसता था ,छोटा सा बेटा मेरा , बर्फ के गोले सा लगता था |हमारी दुनिया तक ही थी उसकी दुनिया,मन की बगिया में उसके विचार भी खिलने लगे है ।उसके घुटने भी अब छिलने लगे है ॥सिर्फ सुनता था जो लोरी मुझसे,खुद के बोल… Continue reading उसके घुटने भी अब छिलने लगे है…
Author: Pallavi Sharma Datta
सुबह की चाय
Subah_ki _Chai
ये जो ताले हैं…
यह जो कुछ रोक लेता है कभी भी,बिना किसी वजह के टोक देता है कभी भी,क्या है जो बिना दिखे ही डरा जाता है..फिर उस डर से मन निकल नहीं पाता है ..फिर भी अपने सपने संजोने तो पड़ेंगे | यह जो ताले है, खोलने तो पड़ेंगे || जो रुकना पड़ा था कभी ,कि चलने… Continue reading ये जो ताले हैं…
इतना भी ज़रूरी नहीं ये सब। .
जब मन हो तब ज़रा मुस्कुरा लो | और कभी लगे भारी सा...तो आँसू बहा लो । कोई कुछ सोचेगा यह ना सोचो अब, इतना भी ज़रूरी नहीं यह सब ॥ मन हो तब थोड़ा गुनगुना लो, मन हो तब खुद को संवार लो । जो काम करते हुए दिख जाए बगिया, तो कुछ पल… Continue reading इतना भी ज़रूरी नहीं ये सब। .
घर और मैं
आज जब निकली घर से, तो घर से कहा अपना ध्यान रखना,अपनी ही दीवारों पर अपने कान रखना | शाम को आऊँगी तो सम्भाल लूँगी तुझे,और तू मुझ पर सुकून भरी मुस्कान रखना || दिन भर की भागा दौड़ी में कभी तू दिमाग़ से निकल जाता है,फिर थोड़ी देर में साफ़ सुथरा आँगन याद आ… Continue reading घर और मैं
जीवनी से भरा हो जीवन
एक गुलाबी कोंपल के, पीले होते पत्ते का सफ़र है जीवन ममता की गोदी से उतर अपनी राह पर चलने की डगर है जीवन ॥ लगता है कभी कि इसमें कोई कमी है, इस कमी को पूरा करने में यह दुनिया रमी है | कमी के बिना क्या पाने को रह जायेगा, जो सब कुछ… Continue reading जीवनी से भरा हो जीवन
अपने अपने कर्मक्षेत्र
सबकी अपनी अपनी लड़ाई है, किसी ने छिपाई है, किसी ने दिखाई है। कोई जीता है, कोई हारा है, कोई किस्मत का मारा है, किस्मत भी तो हमने ही बनायीं है । हर एक की अपनी अपनी लड़ाई है ॥ कोई घर में दुनिया बसा बैठा ,कोई चाँद पर चढ़ आया है, कम कोई भी… Continue reading अपने अपने कर्मक्षेत्र
ज़िन्दगी… बहे जा रही थी ..
ज़िन्दगी…..यूँ तो चले जा रही थी… साँसो के साथ बहे जा रही थी, उसे कहीं रुकना नहीं था । उसे रुकने का कहकर, मुझे कहीं झुकना नहीं था ॥ इसी भागा दौड़ी में थमे जा रही थी… ख़ामोशी की ठंडक में जमे जा रही थी , उसे कुछ कहना नहीं थी। मुझे कुछ सुनना नहीं… Continue reading ज़िन्दगी… बहे जा रही थी ..
जब बच्चों को फिर से स्कूल जाते देखा
आज मैंने बच्चों को फिर से स्कूल जाते देखा... साइकल का चक्कों को घुमाते देखा, महीनो से फ़ीकी थी उनकी उन्मुक्त हँसी, सुबह की धूप में उन्हें चमचमाते हुए देखा,आज मैंने बच्चो को फिर से स्कूल जाते देखा || हम उम्र जीवन जब साथ मे चलता है, कभी खेलता है कभी पढ़ता है,साथ के लिए… Continue reading जब बच्चों को फिर से स्कूल जाते देखा
सुनिए मेरी स्वरचित कवितायें. Oct 12, 2021 .कार्यक्रम : महिला जगत :कलम में है दम: पल्लवी शर्मासमय : दोपहर 1 बजे जयपुर आकाशवाणी 100.3 . You can download app also NewsonAir For Applehttps://apps.apple.com/in/app/newsonair/id1450030867 For Androidhttps://play.google.com/store/apps/details?id=com.parsarbharti.airnewsFor AIR Akashwani Programs download this App And select Akashwani JaipurThank You very much
कल्प वृक्ष मन में
चाह थी कि कल्प वृक्ष मिल जायेज़्यादा नही पर कुछ देर के लिए ही मिल जायेचाहते चाहते एक दिन मिल ही गयादिल में ही बीज था उसका जो इच्छा होते ही खिल गया जब भी कुछ सोचतीजब भी कुछ चाहती तो कहताकोशिश करो तन सेचाहो पूरे मन से डाल देती जान पूरी फिर उसमें और… Continue reading कल्प वृक्ष मन में
कुछ दूरगामी प्रभाव ऐसे भी
एक विद्वान अर्थशास्त्री ग्रेशम ने कहा है " नयी मुद्रा पुरानी मुद्रा को चलन से बहार कर देती है" यह मत समझियेगा कि अब मैं यह बात ज़िन्दगी से जोड़ने वाली हूँ | यह कथन जीवन के परिप्रेक्ष्य में बिलकुल भी नहीं कही जा सकती। क्योंकि अर्थशास्त्र और जीवन के नियम एक जैसे नहीं है… Continue reading कुछ दूरगामी प्रभाव ऐसे भी
जीत और पूँजी
जीत और पूँजी एक दिन की नहीं होती है धीरे धीरे बनाने से बनती है धैर्य से सहजने से बनती हैथोड़ा थोड़ा बचाने से बनती है जीत और पूँजी एक दिन की नहीं होती है थोड़ा इम्तिहान लेती है थोड़ा सब्र देती है थोड़ा सबक़ सिखाती है और फिर खुद के लायक बनाती है जीत… Continue reading जीत और पूँजी
हल्दी वाला दूध
मैं रोज़ रात को हल्दी दूध पीकर सोती हूँ. सर्दियों और बरसात में यह बहुत फायदा तो करता ही है साथ में शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ाता है. हल्दी में औषधीय गुण है इसलिए समय समय पर यह रोग उपचार के काम भी आती है आपको लगेगा की यह बात में क्यों सबको… Continue reading हल्दी वाला दूध
कर्म का सुझाव
सब कुछ है तेरा कमाया हुआ,बुरा भी अच्छा भी ,हर बंदा तेरे आस पास, तेरा ही माँगा हुआ हैझूठा भी सच्चा भी ,स्वीकार ले कि यह सब तेरा ही चुनाव है, तेरा ही चुनाव है। कुछ है जो तुझे याद नहीं, कुछ है जो तुझे याद है,कुछ है जो तेरे बस में है, कुछ है… Continue reading कर्म का सुझाव
इंद्रधनुषीय माँ
हवा के बदले बस कुछ पत्तियां मांगती है , जिनके हिलने से प्राणवायु बहती है ,छाया के बदले बस कुछ टहनियाँ मांगती है ,जिनके इकट्ठे होने से ही ठंडी छाया गिरती है। तना भी उस खम्भे की तरह है जिस पर यह जीवन ऊर्जा टिकी रहती रहती है,और जड़े उस नींव की तरह है जिससे… Continue reading इंद्रधनुषीय माँ
अर्क ए इश्क़
अर्क-ए-इश्क़ कुछ यूँ दिख रहा था..चौदहवीं की रात चाँद का रूप जो बिखर रहा था,शबनम तले अल-सुबह एक पल्लव निखर रहा था.. अर्क-ए-इश्क़ कुछ यूँ दिख रहा था...ठंडक थी वो ऊंचाइयों वाली हिम् की तरह,बैचैन थी वो, कभी मेरी कभी तुम्हारी तरह,नदी सी मैं ,पर्वतो में गुम जिस तरह... अर्क-ए-इश्क़ कुछ यूँ दिख रहा था....महकती… Continue reading अर्क ए इश्क़
फुरसत में भी मसरूफ़
जल्दबाज़ी की यूँ आदत हो चली है अब कि,फुर्सत मिले तब भी फुर्सत से बैठा नहीं जाता। वक़्त कीमती है यह इस तरह समझ आ गया है कि,मसरूफ़ हुए बिना खाली समय भी नही गुज़ारा जाता।
अप्रत्याशित ये जिंदगी
जो संवारने से संवर जाए वो है जिंदगी, जो गुजारने से गुजर जाए वह है जिंदगी। बिखर जाने की ज़िद में आकर कभी सिमट जाए, तो कभी सिमटने की कोशिश में बिखर जाए वो है ज़िन्दगी। कभी एक ही पल में उत्तर से दक्षिण हो,अपना रास्ता बदल लें, कभी सालो तक एक ही धुन में… Continue reading अप्रत्याशित ये जिंदगी
धरती सी नारी
जन्म देने वाली का भी, जन्म कभी हुआ होगासृजन करने वाली का भी, सृजन कभी हुआ होगाजो इतनी महत्ता रखती है उसे अपने लिए लड़ना होगा,ऐसा उसने कभी सोचा न होगा।। पोषित करने वाली को भी पोषण चाहिए,अन्नपूर्णा को भी अन्न चाहिए,जो समझें सबके मन को,समझे कोई उसे भी,ऐसा मन चाहिए।।हक़ है जिसपर,उसे पाने के… Continue reading धरती सी नारी
संघर्ष-एक मित्र
आरंभ है या अंत यह तो मुझे पता नहीं, यह पता ना होने में भी, मेरी कोई ख़ता नही। संघर्ष की हद ही अक्सर लोगो के लिये दवा बन जाया करती है।। जो थी कल की घुटन, वही आज की ताज़ा हवा बन जाया करती है।। सच तो यही हैं कि रास्ते को पार करना… Continue reading संघर्ष-एक मित्र