एक गुलाबी कोंपल के,
पीले होते पत्ते का सफ़र है जीवन
ममता की गोदी से उतर
अपनी राह पर चलने की डगर है जीवन ॥
लगता है कभी कि इसमें कोई कमी है,
इस कमी को पूरा करने में यह दुनिया रमी है |
कमी के बिना क्या पाने को रह जायेगा,
जो सब कुछ होगा जेब में तो क्या कमाने को रह जायेगा |
क्या चाहिए मन को इस की थाह पाना ही जीवन है,
जो मालूम हो जाये राह, उसे अपनाना ही जीवन है ||
अनेको से ज़िंदगी के बारे में बहुत कुछ सुना है,
मैंने भी उन बातो से थोड़ा कुछ चुन कर थोड़ा कुछ बुना है |
लक्ष्य और ज़िम्मेदारियों के साथ चलना ज़िन्दगी है,
और फिर ज़िन्दगी को प्यार से जीना भी ऊपर वाले की बन्दगी है||
छोटी छोटी पगडण्डी पार करते हुए बड़ा सफर तय करना है,
धीरे चलो या तेज, अब जो करना है वो तो करना है |
बेहतर मन से करें तो शायद औरो को भी कुछ सिखा जाये,
एक मिसाल बन कर पीछे वालो को दिखा जाये ||
जो दे पाएंगे किसी को वही आगे वाले से मिल पायेगा,
अगले सफर का रास्ता यह लेना देना ही तय कर जाएगा |
कुछ ऐसा हो की मंज़िल के साथ सफर भी यादगार बन जाये,
और फिर यह जीवन ख़तम होने के बाद जीवनी कहलाये ||