मेरी रचना मेरे लिए सिर्फ कुछ पंक्तियां नही,
मेरे वो अहसास है, जिन्हें मैं कभी जता भी न पायी,
और किसी को बता भी न पायी।
कुछ उन ज़ख़्मो की याद है,
जिन्हें मैं कभी भूल भी न पायी।
कभी भर भी न पायी।।
कुछ उन खुशियों की मिठास है,
जिन्हें मैं जी भर के चख भी ना पायी।
अपने इर्द गिर्द रख भी ना पायी।।
कुछ मेरे वो सपने है,
जिन्हें मैं फुर्सत में बुन भी न पायी।
अभिलाषाओं के बाग़ से चुन भी ना पायी।।
कुछ मेरे लिए गर्वीले पल भी है,
जिनमें उन्मुक्त होकर कभी मैं उड़ भी ना पायी।
और कुछ वो ज़मीनी ज़ज़्बात भी है,
चाहकर भी जिनसे कभी मैं जुड़ भी ना पायी।।
मेरी रचना मेरे लिए सिर्फ कुछ पंक्तिया नही,
वो अहसास है,जिन्हें मैं कभी जता भी ना पायी,
और किसी को बता भी ना पायी।।
मानव जीवन में कविता और शब्दों की भूमिका।।
कविता दिवस की शुभकामना।।
Superb lines didi…
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Beautiful pallavi…so deep words ❤️
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As Beautiful as you are👌
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सुपर
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